अण्डे का सच
अण्डे का सच और रहस्य ! आजकल मुझे यह देख कर अत्यंत खेद और आश्चर्य होता है की अंडा शाकाहार का पर्याय बन चुका है...खैर मै ज्यादा भूमिका और प्रकथन में न जाता हुआ सीधे तथ्य पर आ रहा हूँ. मादा स्तनपाईयों (बन्दर बिल्ली गाय मनुष्य) में एक निश्चित समय के बाद अंडोत्सर्जन एक चक्र के रूप में होता है, उदारहरणतः मनुष्यों में यह महीने में एक बार...चार दिन तक होता है. जिसे माहवारी या मासिक धर्म कहते है...उन दिनों में स्त्रियों को पूजा पाठ, चूल्हा रसोईघर आदि से दूर रखा जाता है...यहाँ तक की स्नान से पहले किसी को छूना भी वर्जित है कई परिवारों में...! शास्त्रों में भी इन नियमों का वर्णन है. इसका वैज्ञानिक विश्लेषण करना चाहूँगा...मासिक स्राव के दौरान स्त्रियों में मादा हार्मोन(estrogen) की अत्यधिक मात्रा उत्सर्जित होती है और सारे शारीर से यह निकलता रहता है...इसकी पुष्टि के लिए एक छोटा सा प्रयोग करिये...एक गमले में फूल या कोई भी पौधा है तो उस पर रजस्वला स्त्री से दो चार दिन तक पानी से सिंचाई कराइये...वह पौधा सूख जाएगा...! अब आते है मुर्गी के अण्डे की ओर... १) पक्षियों (मुर्गियों) में भी अंडोत...