महाभारत
जाने क्यू माना किया जाता है ''महाभारत'' को घर में रखने से , पौराणिक धर्म गुरु सिखाते है की ''महाभारत'' घर में मत रखो कलेश बड़ेगा | इस तरह की बाते सारे हिन्दू समाज को ''नापुंसक'' बनाने के लिये कही जाती है ताकि विदेशी अपने ''मनोरथ'' में सफल हो सके वास्तव में , महाभारत में वो सब कुछ है जिसकी जरूरत आज 'कलयुग' में है चाहे वो भाई से भाई का ''धोका'' हो या या ''छल'' से सत्य/असत्य को जितना | अगर यह माना जाये कि ''महाभारत'' रखने से भाइयो में बैर बडता है तो ''पांडवो और कौरव'' में लड़ाई कैसे हो गयी तब तो महाभारत नही लिखी गयी थी ? बेशक महाभारत कोई धार्मिक ग्रंथ नही है और 95% पुजारी वर्ग इनको ही आदर्श मानते है जिसके कारण सारा देश पथ भ्रमित हो गया है | महाभारत धार्मिक ग्रंथ नही है लेकिन वो ''सत्य'' के साथ खड़े होने की सीख देता है और धर्म गुरु सिखाते है की इनको घर में ''मत'' रखो इनका बस चले तो सबके हाथो में एक ''ढोल